मंगलवार, 10 अक्तूबर 2017

तालाब शहर का

लगल बा जाल मुसहरी,
झगवा से बचावे ला,
तलाबवा के पानी करियाइल,
लोग केतना कूड़ा डाले ला,
घटल बा तालाब शहर में,
सरकार कबहू ना सोचे ला,
करखनवो के गंदा पानी,
सब उकरे मे डाले ला,
साफ करेला केहू ना,
सब भाषणबाजी करेला,
उकरे में से फिर एगो दुगो,
सफाई के जिम्मा लेवेला,
जेतना शक्ति ओतना भक्ति कह,
सब फ़ोटो खूब किचावे ला,
उकरे से फिर तन्नी मन्नी,
जान तलाब में आवेला।
--सुमन्त शेखर।

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