शुक्रवार, 19 अगस्त 2016

ओलंपिक

जो कर ना सके सब,
वो आपने कर के दिखाया है,
नाज है पुरे देश को आप पर,
आपने मुश्किलों को आसान करके दिखाया है,

ये तो महज एक इत्तेफाक है,
कि मशीनें आपके प्रदर्शन को आंकती है,
हर खिलाडी जो दुहरा सके
किसी के बस की बात नहीं,

हाँ टूटे जरूर है कुछ दिल यहाँ,
आपको प्रदर्शन से कम अंक मिलते देख,
खामियां तो उन लोगो में है,
जिन्होंने समय से आगे का खेल देखा नहीं।

रखी है नीव आपने,
बदलते हुए कल की,
आज दीपा सिंधु साक्षी है,
कल और बेटियां अपने देश की,

आपकी श्रेष्ठता
पदक की मोहताज नहीं,
पदक आपसे है,
आप पदक से नहीं।

-- सुमन्त शेखर।