रविवार, 22 मार्च 2015

एक याद

वो मेदु वड़ा 
वो टिकुली ढाबा 
गोभी चिली संग 
रोटी खाना 
वो पनीर भर्ता 
वो भेज मन्चुरी 
एक रुपये में मिलता
वहा एक रोटी 
सस्ता था आमलेट करी
मुझे महंगा लगता तड़का दाल 
मिर्ची का क जब छोंका लगता 
निखर जाता था खाने स्वाद 
वो बाबु भाई की चाय दुकान
जहा अक्सर बिता शाम 
सबका था वो मीटिंग सेंटर 
हर बात पर होता था मंथन 

शुक्रवार, 20 मार्च 2015

मेहनत रंग लाई

मेरे एक मित्र ने 
अपनी पत्नी को घर जाने के लिए 
भरी दोपहरी में लाइन लगकर 
रेल का टिकट बुक कराया
जाने क्या हुआ उनकी पत्नी को 
घर ना जाने की इच्छा बताया
लगा जैसे कोई पुराना खत 
आज उनके हाथ है आया 
मित्र हमारा 
परेशान बेचारा 
टिकट मिला था 
वेटिंग वाला 
आनन फानन में 
उस ने सारा जोर लगाया
रेलवे से है भिड़ा बेचारा 
तत्काल का टिकट है निकला
जैसे तैसे करके उसने 
पत्नी को है अभी मनाया
जाएगी अब पत्नी घर को 
बड़ा सुकुन है उसने पाया। 

शुक्रवार, 13 मार्च 2015

घर को मंदिर बना दिया

आजकल के चोरों का स्तर 
देखो कितना गिर गया 
पहले मंदिर से गायब करते थे जुते 
आज हमारे घर को मंदिर बना दिया 

गुरुवार, 12 मार्च 2015

हसीन याद

सोचा था मैंने 
चार चाँद लगाउँगा 
करियर में अपने 
चाँद तो मिला 
मेरे हाथ भी लगा 
पर जुड़ने ना दिया 
उसे करियर में मेरे 
बस उसके निशां रह गए 
और कुछ हसीन याद 
कि कभी चाँद लगा था मेरे हाथ 
चुभता है आज मुझे वो हसीन याद

गुरुवार, 5 मार्च 2015

जोगीरा सा रा रा रा

जोगीरा सा रा रा रा .... 
बैंगलोर में उड़ल धुल 
घर में है ढिबरी गुल 
कैसे सब खेलम होली 
पानी के है बहुत कमी 

जोगीरा सा रा रा रा .... 
दिल्ली में बरसे बादल 
ओढ़ले है सबलोग चादर 
बाहरे है ठण्डा बढ़ल 
कइसे सब होली खेलम 

जोगीरा सा रा रा रा .... 
मांझी के नाव डूबल 
नितीश फिर मंत्री बनल 
लालु संग गले मिलल 
संगे दुनो होली खेलल 

जोगीरा सा रा रा रा .... 
मोदीजी के सपना टूटल 
दिल्ली के आप लूटल 
केजरी जी मंत्री बनल 
भाजपा के वाट लगल 

जोगीरा सा रा रा रा .... 
अटिक में होली मनल 
रेंगन सब रंग में भीगल 
बड़को ना एक्को बचल 
जम के है होली खेलल 

जोगीरा सा रा रा रा .... 

बुधवार, 4 मार्च 2015

होली आई

झिमी झिमी बारिश में 
तन ये मेरा भीगा है 
होली के इन्तेजार में देखो 
रंग अभी तक सुखा है