शनिवार, 23 अगस्त 2014

परिवर्तन

इन्तेजार में बीत गई सर्द राते 
अब सुबह होने को है 
जीवन के इस डगर में 
परिवर्तन होने को है 

शुक्रवार, 22 अगस्त 2014

वो शाम

बड़ी नागवार गुजरी थी वो शाम 
जब किताबो के सारे हर्फ़ स्याह हो गए
कोशिश बहुत की हमने शब्दों को समेटने की
पर सारे हल्फ हवा हो गए |

शुक्रवार, 15 अगस्त 2014

शत शत नमन शहीदो तुमको

करता हूँ शत शत नमन देश के उन शहीदो को
जो मर मिटे देश के खातिर सहा दंष अंग्रेजो का 
हुई लाल ये धरती सारी 
जिनके अन्नंत बलिदानो से 
शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद
खुदीराम बोस, सुखदेव और राजगुरु
इनसब को देश तुम रखना याद 
लाला ,गांधी और सरदार भी थे
जिनके साथ था हिंदुस्तान 
स्वतंत्रता संग्राम में खड़ा एक साथ
सन सैतालिस में दिन वो आया 
अगस्त पंद्रह को तिरंगा लहराया 
लालकिले से नेहरू ने 
सबका फिर आभार जताया 
देश की सेवा में भी कितने 
हुए शहीद है तब से अबतक
हे हिंदुस्तान के प्रहरी जवानो  
श्रद्धा सुमन है अर्पित सब को 
शत शत नमन शहीदो तुमको|